आदेश नहीं मानने पर प्राचार्य, संचालक के साथ ही जिम्मेदार लोगों पर की जाएगी कार्रवाई
इंदौर। देश की आम आबादी को शिक्षा और स्वास्थ्य की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। लेकिन विडंबना देखिए की ये दोनों ही आम आदमी के लिए सबसे ज्यादा महंगी होती जा रही है। अब इंदौर प्रशासन ने शिक्षा की तरफ सकारात्मक कदम उठाया है। कॉपी, किताबें, यूनिफॉर्म के संबंध में एकाधिकार समाप्त करने के संबंध में जिला प्रशासन ने प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए हैं। इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह के आदेश के मुताबिक यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया। उल्लंघन करने वाले व्यक्ति, संस्था के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
कलेक्टर के आदेश का उद्देश्य स्कूल संचालकों, प्रकाशकों एवं विक्रेताओं की एकाधिकार प्रवृत्ति को खत्म करना है। स्कूलों द्वारा उक्त आदेश नहीं मानने पर प्राचार्य, संचालक के साथ ही स्कूल के प्रबंधन बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के सभी सदस्य भी दोषी होंगे। निश्चित रूप से इस आदेश से अभिभावकों को होने वाली पर परेशानी कम होगी।
ये रहे आदेश के मुख्य पॉइंट्स
- स्कूल संचालक/प्राचार्य प्रत्येक कक्षा के लिए अनिवार्य पुस्तकों की सूची/यूनिफॉर्म की जानकारी परीक्षा परिणाम जारी होने के पूर्व ही अपने स्कूल की वेबसाइट पर अनिवार्य रूप से अपलोड करेंगे।
- स्कूल यूनिफॉर्म का निर्धारण इस प्रकार करं कि कम से कम 3 साल तक उसमें परिवर्तन न हो।
- नोट्स बुक पर ग्रेड, किस्म, साइज, मूल्य, पृष्ठ संख्या की जानकारी स्पष्ट अंकित करें।
स्कूल संचालक/प्राचार्य विद्यार्थियों-अभिभावकों को पुस्तकें-कॉपियां, यूनिफॉर्म संबंधी स्कूल/संस्था अथवा किसी एक दुकान/विक्रेता/संस्था विशेष से खरीदने को बाध्य नहीं कर सकते। - स्कूल संचालक पुस्तकों की सूची की एक प्रति अभिभावकों को प्रवेश के समय एवं परीक्षा परिणाम के समय उपलब्ध कराएंगे एवं कम से कम 3 पुस्तक/यूनिफॉर्म विक्रेताओं का नाम सत्र प्रारंभ होने के 1 माह पूर्व वेबसाइट पर अपलोड करेंगे।
- स्कूल संचालक/प्राचार्य विद्यार्थी एवं अभिभावकों को सूचीबद्ध पुस्तकें रिजल्ट आने अथवा उसके पहले खरीदने को बाध्य नहीं करेंगे। अभिभावक पुस्तकों की उपलब्धता के आधार पर 30 अप्रैल तक खरीदी कर सकेंगे।
- संचालक/प्राचार्य/पालक शिक्षक बैठक (पीटीएम) में तय करेंगे कि किसी भी स्थिति में पुस्तकों के निजी प्रकाशक/मुद्रक/विक्रेता स्कूल परिसर के भीतर प्रचार प्रसार के लिए प्रवेश नहीं करें।