प्रदेश के 17 धार्मिक नगरों में शराब बंद, मां नर्मदा के किनारे हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया यह अहम निर्णय

मध्य प्रदेश सरकार ने 17 धार्मिक नगरों में शराबबंदी लागू करने का निर्णय लिया है। इसके तहत एक अप्रैल से अब प्रदेश के 17 धार्मिक नगरों में शराब नहीं बिकेगी और दुकानें बंद हो जाएंगी। मप्र के शहरों के धार्मिक महत्व को देखते हुए ये फैसला लिया गया है। शहरों के अलावा नर्मदा नदी के दोनों किनारों के पांच- पांच किमी दायरे तक शराब दुकान नहीं रहेंगी। कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए सीएम डॉ मोहन यादव ने बताया कि जो दुकानें बंद की जाएंगी, उन दुकानों को कहीं और शिफ्ट नहीं किया जाएगा। ये पूर्णत बंद होंगी।

बता दें कि मध्य प्रदेश में नई आबकारी नीति 2025-26 बनाई जा रही है। इसके लिए मंत्रणा का दौर जारी है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने अपनी तरफ से यह बात रखी कि उज्जैन सहित प्रदेश के 17 नगरों और 2 ग्रामीण क्षेत्रों में जो कि धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व के हैं, यहां पर शराबबंदी रहेगी। यहां की सभी शराब दुकानें बंद कर दी जाएंगी।

कैबिनेट बैठक महेश्वर में आयोजित की गई

मां देवी अहिल्या बाई होलकर की 300वीं जयंती इस वर्ष मनाई जा रही है और इसी कारण से इस बार 24 जनवरी को कैबिनेट की बैठक भी महेश्वर में मां नर्मदा किनारे आयोजित की गई। इस बैठक में प्रदेश के कई अहम फैसले लिए गए। जहां से करोड़ों रुपए की योजनाओं का एलान मोहन सरकार ने किया। इसी बैठक में प्रदेश के 17 नगरों और 2 ग्रामीण क्षेत्रों में शराबबंदी की गई।

प्रदेश के इन धार्मिक नगरों में हुई शराबबंदी

उज्जैन, ओंकारेश्वर, महेश्वर, मण्डलेश्वर, ओरछा, मैहर, चित्रकूट, दतिया, पन्ना, मण्डला, मुलताई, मंदसौर और अमरकंटक की सम्पूर्ण नगरीय सीमा में एवं सलकनपुर, कुण्डलपुर, बांदकपुर, बरमानकलां, बरमानखुर्द और लिंगा की ग्राम पंचायत सीमा में समस्त मदिरा दुकानों एवं बार को बंद किया जाएगा।

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