इंदौर। प्रदेश में धार्मिक ग्रंथों, साहित्य और वैज्ञानिक अनुसंधानों के सुलभ अध्ययन के लिए नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने 413 नगरीय निकायों में गीता भवन बनाने का निर्णय लिया है। इसके लिए विभाग ने 2 हजार 875 करोड़ रुपये की योजना तैयार की है। यह योजना आगामी 3 वर्षों में पूरी की जाएगी।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि 5 लाख से अधिक जनसंख्या वाले 5 नगर निगमों में 1500 बैठक क्षमता और 5 लाख से कम जनसंख्या वाले नगर निगमों में एक हजार बैठक क्षमता वाले एक-एक गीता भवन तैयार किये जायेंगे। प्रदेश की 99 नगरपालिका परिषद और 298 नगर परिषद क्षेत्र में क्रमश 500 एवं 250 बैठक क्षमता के एक-एक गीता भवन तैयार किए जाएंगे।
कैबिनेट मंत्री विजयवर्गीय ने बताया कि गीता भवन का निर्माण राज्य शासन द्वारा कराया जाएगा। नगरीय निकाय पीपीपी मोड पर भी गीता भवन का निर्माण कर सकेंगे। प्रत्येक गीता भवन में एक पुस्तकालय होगा। इनमें 3 रीडिंग रूम की व्यवस्था होगी। गीता भवन में ई-लायब्रेरी कक्ष की व्यवस्था भी प्रस्तावित की गई है। गीता भवन में साहित्य सामग्री बिक्री केन्द्र भी प्रस्तावित किया गया है। गीता भवन में कैफेटेरिया-स्वल्पाहार गृह की सुविधा भी विकसित कर सकेंगे।
नगरीय विकास मंत्री विजयवर्गीय ने बताया कि प्रदेश में बनाए जा रहे गीता भवन केन्द्रों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए नगरीय निकाय समुचित स्थान पर व्यावसायिक उपयोग कर सकेंगे। जिन नगरीय निकायों में पूर्व से भवन हैं, उनका विस्तार कर गीता भवन के रूप में उपयोग किया जा सकेगा। नगरीय निकायों में बनाए जाने वाले गीता भवनों में ऑडिटोरियम का भी प्रावधान रखा गया है। इन ऑडिटोरियम में नगरीय निकायों की आबादी के मान से सभागार की बैठक क्षमता निर्धारित रहेगी। गीता भवन में चार पहिया और दो पहिया की सुलभ पॉर्किंग व्यवस्था का भी प्रावधान रखा गया है। गीता भवन का निर्माण ऐसे स्थान पर किया जाएगा, जहां नागरिकों की पहुंच आसान हो। मंत्री विजयवर्गीय ने बताया कि नगरीय निकाय ‘सुराज’ योजना की भूमि पर भी गीता भवन बना सकेंगे।
प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में गीता भवन संचालनालय नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा स्वीकृत नक्शे के अनुसार निर्मित किए जाएंगे। गीता भवन की डिजाइन इस प्रकार की होगी कि जिसमें मध्यप्रदेश के विशेष ऑर्किटेक्चर की झलक देखने को मिले।