इंदौर में पंडित धीरेंद्र शास्त्री बोले- हम मुसलमानों के खिलाफ नहीं है। हम केवल हिंदुओं के पक्ष में हैं

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने इंदौर में ‘रग-रग हिंदू मेरा परिचय’ विषय पर लोगों को किया संबोधित

धीरेंद्र शास्त्री बोले- हिंदू व्यापारी हिंदूओं से ही व्यापार करें। क्योंकि धर्मांतरण की सबसे बड़ी वजह बेरोजगारी है

पंडित धीरेंद्र शास्त्री पांच घंटे देरी से सम्मेलन स्थल पर पहुंचे। छह बजे के बाद सम्मेलन शुरू हुआ

इंदौर। शनिवार को लालबाग परिसर में हिंदू युवा सम्मेलन में बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री शामिल हुए। उन्होंने ‘रग-रग हिंदू मेरा परिचय’ विषय पर लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि “देश में भेदभाव और छुआछूत मुक्ति के लिए क्रांति खड़ी हो रही है। देश का हिंदू एक हो रहा है। आज हम ‘रग-रग में है हिंदू कार्यक्रम’ में इंदौर आए हैं। स्वास्थ्य ठीक नहीं है। बहुत थकावट है लेकिन हिंदुओं के प्रेम ने खींचा है।” उन्होंने कहा कि “हम मुसलमानों के खिलाफ नहीं है। हम केवल हिंदू-हिंदू करते हैं। हम केवल हिंदुओं के पक्ष में हैं।”

धीरेंद्र शास्त्री ने अपने संबोधन में कहा कि “हिंदू व्यापारी हिंदूओं से ही व्यापार करें। क्योंकि धर्मांतरण की सबसे बड़ी वजह बेरोजगारी है। हिंदू व्यापारियों को हिंदुओं को ही प्राथमिकता देनी चाहिए। दुबई और आबूधाबी में कंपनी खोलने के लिए शेख होना जरूरी है। वहां के संविधान में इसका उल्लेख है। ऐसा हमारे देश में क्यों नहीं हो सकता। धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि अब एचआई की इस देश में जरूरत है। एचआई का मतलब है इंटलेक्चुअल हिंदू। युवा एआई के दीवाने हैं, लेकिन रील लाइफ से निकलकर रियल लाइफ को जानना होगा। इसलिए एचआई पर फोकस करें।”

धीरेंद्र शास्त्री यह भी बोले कि “देश के पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों में हिंदू अल्पसंख्यक हो रहा है। बंगाल में हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है। इस देश को बांग्लादेश बनने से बचाने के लिए हिंदुओं को संगठित होना जरूरी है। नहीं तो नेहा को हिना होने में और शालीन को साहिल होने में देर नहीं लगेगी। उन्होंने कहा कि जो भारत में रहते हैं, वे सब हिंदू हैं। चाहे वो मुस्लिम हों या ईसाई हों। उनके दादा परदादा हिंदू थे। हम मुसलमान को इसे देश से हटना नहीं चाहते।”

पंडित धीरेंद्र शास्त्री सम्मेलन में पांच घंटे देरी से पहुंचे। पहले आयोजन दोपहर एक बजे करने की घोषणा की गई थी। लालबाग में भीड़ भी जुटने लगी, लेकिन पंडित धीरेंद्र शास्त्री पांच घंटे देरी से सम्मेलन स्थल पर आए। छह बजे के बाद सम्मेलन शुरू हुआ।

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