कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि से शुरू होता है दीपावली का उत्सव। पहले दिन आरोग्य के देवता धनवंतरि की पूजा कर सेहत रूपी धन का वरदान मांगा जाता है। यह त्योहार संदेश देता है कि जीवन का सबसे महत्वपूर्ण धन स्वास्थ है। धनवंतरि के साथ ही माँ लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर की पूजा भी की जाती है।
देवताओं के चिकित्सक है धनवंतरि
पौराणिक कथा के अनुसार इसी दिन समुद्र मंथन में से धनवंतरि अपने हाथ में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। धनवंतरि आरोग्य के देवता है। उनके पास आयुर्वेद और उससे जुड़ी सभी औषधियों का ज्ञान हैं। वह देवताओं के चिकित्सक है। धनतेरस के दिन धनवंतरि की पूजा करने से अच्छी सेहत का वरदान मिलता है। इस दिन धन के देवता कुबेर की भी पूजा की जाति है। कुबेर के आशीर्वाद से घर में धन धान्य की कभी कमी नहीं होती है। इस दिन घर पर रखे गहने और पैसों की पूजा करके कुबेर देवता से सम्पन्नता और समृद्धि का वरदान मांगा जाता है।
धनतेरस पर जरूर खरीदे नई वस्तुएं
धनतेरस को खरीदी के लिए भी काफी शुभ माना जाता है। लोग इस दिन सोना, चांदी, बर्तन, वाहन, कपड़े और अन्य कई वस्तुओं की खरीदारी करते है। इस दिन सोना और चांदी खरीदने का विशेष महत्व है। माना जाता है कि इस दिन खरीदारी करने से धन सम्पदा में वृद्धि होती है। इस दिन खरीदी गई वस्तुओं का लाभ 13 गुना होकर मिलता है।
100 साल बाद बना विशेष संयोग
इस वर्ष की धनतेरस का विशेष महत्व है क्योंकि इस दिन तीन शुभ योगों का संयोग बन रहा है। 100 साल धनतेरस पर त्रिग्रही योग त्रिपुष्कर योग, इंद्र योग, वैधृति योग का संयोग है। इस संयोग से आर्थिक स्थिति बेहतर होगी साथ ही बेहतर स्वास्थ की कामना भी पूरी होगी।