कोलकाता में जूनियर डॉक्टर्स की भूख हड़ताल, 9 मांगों पर डटे हुए हैं डॉक्टर्स

अपनी मांगों को पूरा करने के लिए डॉक्टर्स ने ममता सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया था

जूनियर डॉक्टर्स हेल्थ सेक्रेटरी एनएस निगम को हटाने, स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार के लिए जवाबदेही तय करने समेत 9 मांगों पर अड़े हैं

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर के खिलाफ छह जूनियर डॉक्टरों ने भूख हड़ताल शुरू कर दी है। डॉक्टरों ने कोलकाता पुलिस की तरफ से लाठीचार्ज के बाद शुक्रवार, 4 अक्टूबर को धर्मतला इलाके में डोरिना क्रॉसिंग पर धरना प्रदर्शन शुरू किया था। उन्होंने अपनी मांगों को पूरा करने के लिए ममता सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया था। जूनियर डॉक्टर्स हेल्थ सेक्रेटरी एनएस निगम को हटाने, स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार के लिए जवाबदेही तय करने समेत अपनी 9 मांगों पर अड़े हैं।

जूनियर डॉक्टर्स की ओर से पश्चिम बंगाल राज्य सरकार को दी गई डेडलाइन शनिवार, 5 अक्टूबर की रात 8.30 बजे खत्म हो गई। इसके बाद पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर फ्रंट के 6 प्रतिनिधियों ने आमरण अनशन शुरू कर दिया। डॉक्टरों ने बताया कि वे भूख हड़ताल की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए मंच पर CCTV लगाएंगे, ताकि हर कोई देख सके कि वहां क्या हो रहा है?

बता दें कि पश्चिम बंगाल के जूनियर डॉक्टरों ने रेप-मर्डर घटना के खिलाफ 10 अगस्त से 21 सितंबर तक 42 दिन तक हड़ताल की थी। डॉक्टरों ने सरकार के सामने 5 मांगे रखी थीं। इनमें सरकार ने 3 मांगें मान ली थी। साथ ही दो अन्य मांगों और शर्तों पर विचार करने का आश्वासन दिया था। इसके बाद डॉक्टरों ने हड़ताल खत्म कर दी। वे अस्पतालों में काम पर लौट गए थे। 27 सितंबर को सागोर दत्ता हॉस्पिटल में 3 डॉक्टरों और 3 नर्सों से पिटाई का मामला सामने आया, जिससे नाराज होकर डॉक्टरों ने 1 अक्टूबर को फिर से हड़ताल शुरू कर दी थी।

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