बेहतर कनेक्टिविटी और विकास के लिए एयरटेल के बाद जियो ने भी इलॉन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स से डील साइन कर ली है। इस डील के अनुसार अब स्पेसएक्स जियो का सेटेलाइट इंटरनेट प्रोवाइडर बन जाएगा।
अब बढ़ेगी इंटरनेट की स्पीड
कल भारतीय टेलीकॉम कंपनी एयरटेल ने अमेरिकी कंपनी के साथ यह करार किया और स्टॉक एक्सचेंज फ़ाइलइंग में इसकी जानकारी दी। डील के अनुसार स्पेसएक्स और एयरटेल बिजनेस, शैक्षणिक संस्थानों, स्वास्थ केंद्रों और दूरदराज के क्षेत्रों में स्टारलिंक सर्विसेज देने के लिए साथ में काम करेंगे। एयरटेल के मौजूदा नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर में स्टारलिंक टेक्नोलॉजी इंटेग्रेट करने की संभावना तलाशी जाएगी।
100 देशों में मौजूद है स्टारलिंक
गौरतलब है कि दुनिया के 100 से ज्यादा देशों में स्टारलिंक ही सैटेलाइट के जरिए इंटरनेट देती है। उसके पास पृथ्वी की निचली कक्षा में 7 हजार से ज्यादा सैटेलाइट का सबसे बड़ा सैटेलाइट नेटवर्क है। स्टारलिंक इंटरनेट के जरिए स्ट्रीमिंग, ऑनलाइन गेमिंग, वीडियो कॉल आसानी से किया जा सकता है। अच्छे नेटवर्क के लिए कंपनी एक किट उपलब्ध करवाती है जिसमें राउटर, पावर सप्लाई, केबल और माउंटिंग ट्राइपॉड दिया जाता है। हाई-स्पीड इंटरनेट के लिए डिश को खुले आसमान के नीचे रखा जाता है। iOS और एंड्रॉयड पर स्टारलिंक का एप मौजूद है, जो सेटअप से लेकर मॉनिटरिंग का काम करता है।
बदलेगी ग्रामीण इलाकों की सूरत
देश में स्टारलिंक आने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह उन क्षेत्रों में भी इंटरनेट सर्विस दे सकता है जहां ट्रेडिशनल ब्रॉडबैंड प्रोवाइडर्स अपनी सर्विस नहीं दे पा रहें है जिसमें ग्रामीण क्षेत्र, दूरदराज के स्थान और यहां तक कि प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित क्षेत्र भी शामिल हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, मार्च 2024 तक ग्रामीण टेली-डेंसिटी 59.1% थी। स्टारलिंक के आने से इन क्षेत्रों में ऑनलाइन शिक्षा और डिजिटल स्वास्थ्य सेवा बढ़ेगी।