भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने उज्जैन में वर्ष 2028 में होने वाले सिंहस्थ की तैयारियां अभी से प्रारंभ कर दी हैं। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव कि योजना है कि उज्जैन और इंदौर को सिंहस्थ के मुख्य केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। यहां परिवहन, जल आपूर्ति, सीवेज सिस्टम और अन्य आवश्यक सुविधाओं पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। सिंहस्थ 2028 की तैयारी को ध्यान में रखते हुए महाकुंभ 2025 की व्यवस्था में जुटे संगठनों और स्टार्टअप का उज्जैन में सम्मेलन आयोजित होगा।
अभी तक की जानकारी के अनुसार, सिंहस्थ महाकुंभ में लगभग 15 करोड़ से भी अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। इसकी व्यवस्था के लिए प्रदेश सरकार द्वारा प्रयागराज और हरिद्वार में कुंभ की व्यवस्थाओं का अध्ययन कर सिंहस्थ में भीड़ और यातायात प्रबंधन के लिए ड्रोन सर्वेक्षण और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग किया जाएगा। इसके लिए उत्तर प्रदेश के प्रयागराज महाकुंभ की व्यवस्थाओं में संलग्न कंपनियों और स्टार्टअप्स को बुलाकर उज्जैन में एक सम्मेलन कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री डॉ यादव ने सिंहस्थ के प्रत्येक पहलू के प्रभावी प्रबंधन के लिए विभिन्न विभागों के बीच समन्वय की महत्ता पर जोर दिया है। इसमें धर्मशालाओं का उन्नयन और निर्माण कार्यों के दौरान उज्जैन, इंदौर और देवास जिलों में स्वच्छता के साथ ही हरियाली में सुधार शामिल है। मुख्यमंत्री ने सिंहस्थ आयोजन के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए सभी विभागीय कार्यों को समय-सीमा में पूरा किए जाने पर जोर दिया है। उन्होंने निर्देश दिया है कि सभी कार्यों की प्रगति की पाक्षिक समीक्षा हो रही है। वरिष्ठ अधिकारी व्यक्तिगत स्तर पर इनकी सतत निगरानी कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री डॉ यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि उज्जैन और इंदौर जिलों में निर्माण कार्य और मौजूदा सुविधाओं के उन्नयन के लिए टेंडर प्रक्रिया मार्च 2025 तक पूरी कर सभी आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर सितंबर 2025 तक पूरे कर लिए जाएं।