संसद में राहुल गांधी बोले- बेरोजगारी एक समस्या है, जिससे निपटने में यूपीए और एनडीए सरकार दोनों ही कामयाब नहीं हो सकीं

नई दिल्ली। लोकसभा में बजट सत्र के तीसरे दिन आज विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भाषण दिया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर लोकसभा में बोलेते हुए राहुल गांधी के तेवर बदले से नजर आए। राहुल गांधी ने सरकार पर भी जमकर निशाना साधा। इस दौरान उन्होंने कुछ ऐसी बातें कही, जिन पर सदन में हंगामा हुआ और सत्ता पक्ष ने कड़ी आपत्ति जताई।

राहुल गांधी ने ने कहा कि प्रधानमंत्री का ‘मेक इन इंडिया’ एक अच्छा आइडिया था, लेकिन नतीजा आपके सामने है। मैं पीएम को दोष नहीं दे रहा, यह कहना सही नहीं कि उन्होंने कोशिश नहीं की, लेकिन वे असफल रहे। राहुल ने यह भी कहा कि भले हम तेजी से बढ़े हैं, लेकिन बेरोजगारी एक समस्या है, जिससे निपटने में यूपीए सरकार और एनडीए सरकार दोनों ही कामयाब नहीं हो सकीं।

राहुल गांधी ने कंप्यूटर क्रांति को लेकर अटल बिहारी वाजपेयी पर कटाक्ष किया। राहुल ने कहा कि मैं वाजपेयी का सम्मान करता हूं, लेकिन उन्होंने कंप्यूटर के बारे में कहा था कि भारत में इसकी कोई जरूरत नहीं है। राहुल गांधी ने कहा कि चीन भविष्य की तकनीक पर तेजी से काम कर रहा है, लेकिन भारत उसमें बहुत पीछे है। राहुल गांधी ने चीन के सीमा पर आक्रामक रुख और भारतीय विदेश नीति को लेकर सरकार की तीखी आलोचना की।

राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी सेना की बात झुठलाते हैं। उन्होंने चीन द्वारा भारतीय भू-भाग पर कब्जा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पीएम ने इसे खारिज किया लेकिन सेना ने कहा कि 4000 वर्ग किलोमीटर जमीन पर चीन का कब्जा है। राहुल की इस बात पर भी सत्ता पक्ष के सांसदों और मंत्रियों ने आपत्ति जताई और कहा कि ये गंभीर विषय है। आप ऐसा मत बोलिए, ये देश के लिए ठीक नहीं है। किरेन रिजिजू ने कहा कि कम से कम सदन में नेता विपक्ष को सीरियस होना चाहिए। इसी बीच, स्पीकर ओम बिरला ने दोबारा राहुल गांधी से अपनी बातों के पक्ष में तथ्य सदन पटल पर रखने के लिए कहा।

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