बागेश्वर धाम पहुंचीं राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू, 251 जोड़ों को दिया उज्ज्वल भविष्य का आशीर्वाद

बागेश्वर धाम में राष्ट्रपति बोलीं- भारतीय परंपरा में संतों ने सदियों से जन मानस को राह दिखाई है

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बोले- बेटियां जब यहां से ब्याह कर जाएंगी तो गर्व से कहेंगी कि बालाजी हमारे पिता हैं

खजुराहो। महाशिवरात्रि पर बागेश्वर धाम में सामूहिक विवाह महोत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के आयोजक पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री हैं। भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बागेश्वर धाम में आयोजित सामूहिक विवाह महोत्सव में शामिल हुई। यहां उन्होंने नव दंपतियों को आशीर्वाद दिया और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। इस दौरान महामहिम ने कहा कि संतों ने हमेशा समाज को सही राह दिखाई है।

राष्ट्रपति ने दूल्हा-दुल्हन को सूट और साड़ी उपहार स्वरूप भेंट की। इसके बाद महामहिम ने अपने संबोधन में इस तरह का कल्याणकारी कार्य करने के लिए पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का धन्यवाद व्यक्त किया। इस दौरान राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय परंपरा में संतों ने सदियों अपने कर्म और वाणी से जन मानस को राह दिखाई है। सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध आवाज उठाई है। अंधविश्वास के बारे में लोगों को जागरूक किया है। चाहे गुरुनानक हों, रविदास हों या संत कबीर दास हों, मीराबाई हों या संत तुकाराम, सभी ने समाज को सही राह दिखाई है।

इस अवसर पर पं. धीरेंद्रकृष्ण शास्त्री ने कहा कि जिस दिन हमने अपनी बहन का विवाह जैसे-तैसे लोगों से उधार लेकर किया उसी दिन ठान लिया था कि आज हमें बहन के विवाह में इतना निराश होना पड़ रहा है, भगवान ने हमें सामर्थ्यवान बनाया तो भारत में बेटियों के विवाह के लिए किसी को निराश नहीं होना पड़ेगा। बेटियों को बोझ मत मानो, बेटियां, बेटों से कम है क्या? बेटियों कम होती तो हमारी बेटियां बड़े-बड़े शिखर पर नहीं पहुंचतीं।

धीरेंद्र शास्त्री ने आगे कहा कि देश में कोई छोटा-बड़ा नहीं है। सभी बराबर हैं। इसी संकल्प को पूरा करने के लिए यह उत्सव हर वर्ष किया जाता है। मंदिरों की दानपेटियों को बेटियों की शादियों के लिए खोल दिया जाएगा तो भारत को विश्व गुरू बनने से कोई नहीं रोक सकता। बेटियां जब यहां से ब्याह कर जाएंगी तो गर्व से कहेंगी कि बालाजी हमारे पिता हैं और राष्ट्रपति के आशीर्वाद से शादी कर आए हैं।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि आज बागेश्वर धाम नया कीर्तिमान बना रहा है। आपने जातिगत संघर्ष को तोड़ने का काम किया है। ये हमारे लिए सौभाग्य की बात है। 251 घोड़े कहां-कहां से लाए महाराज गजब कर दिया आपने। जातियों की दीवारें टूटें और सद्भावना बने ये काम किया है। मप्र सरकार की ओर से 51 हजार रुपए देने की भावना है, इसलिए सरकार की योजना का लाभ यहां आए जोड़ों को मिलेगा।

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