देश के सबसे स्वच्छ शहर की हवा हुई जहरीली, आईआईटी इंदौर की स्टडी के अनुसार मप्र में प्रदूषण का स्तर चिंताजनक

इंदौर में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 1 अप्रैल से लगातार 100 के ऊपर बना हुआ है

9 अप्रैल को इंदौर का एक्यूआई लेवल 236 पर पहुंच गया था

मप्र में प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मानकों से 8 से 9 गुना ज्यादा है

इंदौर। देश का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर प्रदूषण के मामले में भी नंबर 1 बनता जा रहा है। इंदौर में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 1 अप्रैल से लगातार 100 के ऊपर बना हुआ है। जैसे-जैसे तापमान बढ़ रहा है, AQI में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है। पराली जलाने से शहर के सीमावर्ती इलाकों में पॉल्यूशन बढ़ रहा है। 9 अप्रैल को शहर का एक्यूआई लेवल 236 पर पहुंच गया था। पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अनुसार, सोमवार को AQI 158 रहा, जबकि रविवार को यह 147 पर दर्ज किया गया। पीएम-10 और नाइट्रोजन ऑक्साइड की मात्रा में भी वृद्धि देखी गई है।

विशेषज्ञों का मानना है कि AQI के 100 से ऊपर होने पर यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो जाता है, खासकर बुजुर्गों, बच्चों और सांस के मरीजों के लिए। AQI लेवल 100 से ज्यादा होने पर आंख, गले और फेफड़े की तकलीफ बढ़ने लगती है। सांस लेते वक्त इन कणों को रोकने का हमारे शरीर में कोई सिस्टम नहीं है। ऐसे में पीएम 2.5 हमारे फेफड़ों में काफी भीतर तक पहुंचता है।

आईआईटी इंदौर द्वारा की गई स्टडी में यह सामने आया है कि मध्य प्रदेश में प्रदूषण का स्तर चिंताजनक है। रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश के नागरिक साल में औसतन 70 से 80 दिन बेहद प्रदूषित हवा में सांस लेने को मजबूर हैं, जो पहले केवल 15 से 25 दिन होते थे। हालांकि दिल्ली-एनसीआर और उत्तर प्रदेश की तुलना में मप्र का प्रदूषण स्तर थोड़ा कम है, फिर भी यह चिंता का विषय है।

आईआईटी इंदौर के निदेशक प्रो. सुहास जोशी के अनुसार, मप्र में प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मानकों से 8 से 9 गुना ज्यादा है। लगातार बढ़ रहे वाहनों की संख्या से भी प्रदूषण में बढ़ोतरी देखी जा रही है। गर्मी के कारण एसी का उपयोग भी बढ़ गया है।

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