इंदौर। हाई कोर्ट के आदेश के बाद इंदौर नगर निगम ने शुक्रवार रात से 300 करोड़ की लागत से बने बीआरटीएस को तोड़ने का काम शुरु कर दिया है। शुरुआत जीपीओ चौराहा से शिवाजी वाटिका के बीच की गई। यातायात थमते ही देर रात निगम की रिमूवल टीम ने रेलिंग को उखाड़ दिया। अब यहां सड़क ज्यादा चौड़ाई में होगी, लेकिन बस मिक्स लेन में चलेगी।
जानकारी के अनुसार, बीआरटीएस को चरणबद्ध तरीके से हटाया जाएगा। जहां-जहां जाम की स्थिति बनती है या जहां बीआरटीएस बहुत ज्यादा चौड़ा है वहां पहले चरण में रेलिंग हटाई जाएगी। इस कॉरिडोर को पूरी तरह से हटाने में कम से कम चार से पांच माह का समय लगेगा। अधिकारियों के मुताबिक, जहां कॉरिडोर का हिस्सा तोड़ा जाएगा, वहां आई-बसें मिक्स लेन में चलाई जाएंगी।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि बीआरटीएस कॉरिडोर तोड़े जाने से लोक परिवहन में कोई बदलाव नहीं होगा। जैसे अभी बसें चल रही हैं, वैसे ही चलती रहेंगी। इतना जरूर है कि अब आई बसों को मिक्स लेन में चलना होगा।
बता दें कि बीआरटीएस को लेकर दो जनहित याचिकाएं हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में लगी थी। दोनों याचिकाओं को हाईकोर्ट की मुख्य पीठ ट्रांसफर किया गया था। गुरुवार को जबलपुर हाईकोर्ट ने बीआरटीएस हटाने का आदेश दिया। उसके बाद शुक्रवार देर रात से इंदौर के जीपीओ से लेकर शिवाजी वाटिका तक बीआरटीएस हटाने का काम शुरू भी हो गया।